स्वास्थ्य

पीपीपी मोड से हटेंगे छह संयुक्त चिकित्सालय, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का ऐलान

देहरादून। उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत पीपीपी मोड (लोक निजी सहभागिता) में संचालित रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय रामनगर सहित छह चिकित्सा इकाइयों का अनुबंध समाप्त कर सरकार शीघ्र ही अपने नियंत्रण में लेगी। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार ने विश्व बैंक की ओर से पोषित उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत पीपीपी मोड़ में संचालित सभी नौ चिकित्सा इकाइयों को वापस लेने का निर्णय लिया है। जिसके क्रम में टिहरी गढ़वाल में संचालित जिला चिकित्सालय बौराड़ी सहित दो अन्य चिकित्सा इकाइयों बिलकेश्वर व देवप्रयाग को हाल ही में वापस ले लिया गया है। जबकि जिला चिकित्सालय पौड़ी और संयुक्त चिकित्सालय पाबौ, घिण्डियाल के साथ ही रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय रामनगर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भिकियासैंण व बीरोंखाल को भी पीपीपी मोड़ से हटाकर सरकार अपने नियंत्रण में लेने जा रही है। उन्होंने बताया इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दे दिए हैं।

नए सिरे से होगी चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि पीपीपी मोड़ में संचालित सभी चिकित्सालयों को वापस लेने से पूर्व परियोजना के तहत उपलब्ध सभी चिकित्सकीय उपकरणों एवं ढ़ांचागत व्यवस्था को परखते हुए हस्तांतरण की कार्यवाही करनी होती है, जिसके तहत परियोजना के दौरान उपलब्ध सभी उपकरण एवं अन्य आवश्यक सामग्री चिकित्सा इकाई के पास ही रखी जाएगी। जिसकी सूची तैयार करने के निर्देश संबंधित जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं प्रभारी अधिकारियों को दे दिए गए हैं। हस्तांतरण की कार्रवाई पूर्ण होते ही राज्य सरकार इन चिकित्सा इकाइयों को दिसम्बर तक अपने नियंत्रण में लेकर नए सिरे से चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती कर दी जाएगी।

लोगों की शिकायतों पर लिया एक्शन
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पीपीपी मोड़ में संचालित अस्पतालों को लेकर स्थानीय जनता की ओर से लगातार शिकायतें की जा रही थीं, जिसके आधार पर राज्य सरकार ने पीपीपी मोड़ में संचालित समस्त चिकित्सा इकाइयों को वापस लेकर स्वयं संचालित करने का निर्णय लिया है, ताकि स्थानीय लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा सके।

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