उत्तराखंड

न्यायिक अभिरक्षा में रणबीर सिंह रावत की संदिग्ध मौत की जांच की मांग

 

शासन से की पीड़ित परिवार के भरण पोषण की मांग

देहरादून। ऋषिकेश के बस कंडक्टर रणबीर सिंह रावत की सुद्धोवाला जेल में पत्नी से मुलाकात के चंद घंटों बाद ही मौत हो जाने का मामला शासन -प्रशासन के लिए जन आक्रोश का सबब बनता जा रहा है। बुधवार को एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी से मिल कर सरकार से वार्ता सुनिश्चित कराने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा है लगभग एक माह से इस मामले को लेकर आन्दोलन चल रहा है। 29 जुलाई को सचिवालय पर आयोजित प्रदर्शन में जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया था। आज जिलाधिकारी से पुनः भेंटकर उनसे अनुरोध किया गया कि वे मुख्यमंत्री से रणबीर सिंह रावत के परिजनों सहित 12 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता हेतु आमंत्रित करने लिए पत्र लिखें ।
प्रतिनिधिमण्डल ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि अनेक राज्यों में न्यायिक अभिरक्षा में मृतक परिजनों के लिऐ ‌5 से 10 लाख रुपये मुआवजे ‌का प्रावधान है। अत: रणबीर सिंह रावत की पत्नी तथा बच्चों को तत्काल मुआवजा दिया जाये ।प्रतिनिधिमण्डल ने दोषियों को शीघ्रातिशीघ्र दंडित करने की मांग भी उठाई।
संयुक्त प्रतिनिधिमंडल में नवनीत गुंसाई, अध्यक्ष आयूपी, प्रमिला रावत, वरिष्ठ नेत्री यूकेडी,अनन्त आकाश सचिव सीपीएम, दीप्ति रावत बिष्ट,अध्यक्ष नवचेतना, जिला सचिव राजेन्द्र पुरोहित, ‌ एस एफ आई अध्यक्ष नितिन मलेठा, सुरेश कुमार, जिलाध्यक्ष उत्तराखंड आन्दोलनकारी परिषद,नेताजी संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रभात डंडरियाल व वरिष्ठ यूकेडी नेता लताफत हुसैन आदि शामिल थे ।

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