यूकेपीएससी में चयन के नाम पर बेरोजगार युवक से ठंड लिए 99 लाख रुपए

 

नामजद आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज, जांच में जुटी पुलिस

देहरादून। यूकेपीएससी में सहायक वन संरक्षक के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर 99 लाख की ठगी करने वालों के खिलाफ शिकायत पर नेहरू कालोनी थाने में पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है।
धर्मेन्द्र सिंह रावत ने थाना नहेरू कालोनी में तहरीर देते हुए बताया कि वह 2015 में दिल्ली सिविल सेवा की तैयारी करने गया था। जहां एक मित्र के माध्यम से उसकी की जान-पहचान राजीव प्रताप पुत्र मुरारी लाल से हुई। जल्दी ही दोनों अच्छे दोस्त बन गये। एक दिन राजीव ने बताया कि उसने उत्तराखंड पीसीएस की प्रारम्भिक व मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। उसने बताया कि उसके मामा जयदेव शाह, जो आयोग में रह चुके हैं और न्यायिक सेवा में भी रह चुके हैं, उसने उन्हें पैसे देकर परीक्षा उत्तीर्ण की है। फिर एक दिन राजीव ने उसकी मुलाकात अपने भाई आलोक प्रताप पुत्र मुरारी लाल से कराई तो उसने भी इन सभी बातों की पुष्टि की। इस बीच दोनों भाइयों ने कहा कि अधिनस्थ सेवा आयोग, उत्तराखंड में कनिष्ठ अभियन्ता सिविल और लोक सेवा आयोग, उत्तराखंड में सहायक वन संरक्षक की भर्ती में पैसे देकर अपना चयन करवाना चाहते हो तो वे यह काम करा सकते हैं। उन्होंने विश्वास में लेकर विभाग में पैसे देकर परीक्षा उत्तीर्ण करने को कहा और राजीव प्रताप, आलोक प्रताप, लोकेन्द्र, राजपाल, राजेन्द्र सिंह आदि के खातो में  84 लाख रुपये एवं 15 लाख रुपये जहां-जहां राजीव व आलोक ने बोला वहां-वहां उनके खातो में जमा किये। बार-बार 2 वर्षों तक प्रार्थी को भ्रम में रखा गया और कहा गया कि वह चिन्ता न करे उसकी नौकरी लग जायेगी। जब प्रार्थी का चयन नहीं हुआ और प्रार्थी द्वारा अपने पैसे वापस देने को कहा गया तो उन्होंने कहा कि वे पैसे वापस कर देंगे। परन्तु आज तक कोई पैसे वापस नहीं दिये। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू का दी है।

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