आपदा प्रबंधन परखने को माक ड्रिल 24 अप्रैल को
सभी विभागों के द्वारा लिया जाएगा भाग
रिस्पांस टाइम में सुधार सबसे ज्यादा जरूरी
देहरादून। बेमौसम बारिश भले ही चार धाम यात्रा की तैयारियों में अड़गें डाल रही हो लेकिन तमाम विषम परिस्थितियों के बीच भी यात्रा की तैयारियां जारी है तथा उन्हें 25 अप्रैल से पूर्व पूर्ण करने की कोशिशें की जा रही है। 30 अप्रैल से यात्रा का शुभारंभ होने जा रहा है। आज इसी सिलसिले में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में यात्रा के दौरान किसी भी तरह की आपदा से निपटने पर विचार मंथन किया गया। इस बैठक में 24 अप्रैल को आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों की मॉक ड्रिल कराये जाने का फैसला लिया गया।
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार ने एसडीआरएफ तथा एनडीआरएफ के अधिकारियों तथा तमाम सुरक्षा प्रबंधन से जुड़े विभागों के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कहा कि चार धाम यात्रा के दौरान हमें अनेक तरह की आपदाओं का सामना करना पड़ता है। कहीं भूस्खलन की घटनाएं होती है और पहाड़ से आए पत्थर तथा मलबे में वाहन और यात्री दब जाते हैं तो कहीं कोई वाहन गहरी खाई और नदी में गिर जाता है तो कहीं लोग रास्ता बंद होने से फंस जाते हैं तो कभीकृकभी 2016 जैसी आपदाओं का सामना करना पड़ता है। चार धाम यात्रा मार्गों पर बारिश और बर्फबारी के कारण भी तमाम तरह की समस्याएं सामने खड़ी हो जाती है तो कहीं आग लगने जैसी घटनाएं हो जाती हैं। मानसून काल में यात्रा के समय ज्यादा दिक्कतें आती है क्योंकि इस दौरान नदियों व नालो का जलस्तर बढ़ जाता है सड़को ंको भारी नुकसान होता है भू धसांव व भूस्खलन की घटनाएं बढ़ जाती हैं।
उन्होंने कहा कि हर आपदा काल में स्थिति परिस्थितियां अलग-अलग तरह की होती है। इसलिए उनसे निपटने के लिए रणनीति व तैयारी भी अलग हैं हेली दुर्घटनाओं से लेकर तमाम तरह की दुर्घटनाओं व हादसों से निपटने के लिए चार धाम यात्रा मार्गों पर आगामी 24 अप्रैल को विभिन्न यूनिटों व विभागों द्वारा माक ड्रिल के जरिए आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखा जाएगा और अगर कहीं कोई कमी रहती है तो उसे सुधारा जाएगा। उन्होंने कहा कि बचाव राहत कार्य में एक्शन टाइमिंग और रिस्पांस टाइम का सबसे अधिक महत्व रहता है।